पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब!!! किसी भी देश में व्यक्ति विकास बहुत हद तक वहां कि शिक्षा व्यवस्था एवं शिक्षा देने कि पद्धति के साथ-साथ शिक्षा को लेकर समाज में स्थापित समझ पर भी निर्भर करता है | यदि हम अपने देश कि बात करें तो काफी प्रचलित कहावत " पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब , खेलोगे धुपोगे होगे ख़राब " से ही समझ में आ जाता है कि उत्तर भारत में शिक्षा को लेकर क्या प्रचलित है | समाज में शिक्षा का उद्देश्य नवाब बनना है , नवाब से क्या तात्पर्य है ? नवाब का एक मतलब अधिकारी बनाना हो सकता है जिसके पास सरकारी गाड़ी हो, नौकर -चाकर हों, वो जो कहे लोग उसे सुनने और मानने को तत्पर रहें | नवाब का अपने हिसाब से कोई भी मतलब निकला जा सकता है किन्तु ये तो तय है कि नवाब समृद्ध है और ये समृद्धि धन, विचार, भावनाओ, संवेदनाओं, आचरण, ज्ञान, विज्ञान, तकनीक के रूप में हो सकती है | पर मुख्यता हमारे समाज मे शिक्षा का उद्देश्य धन और वैभव की समृधि तक ही सीमित हो गई है। Image is generated through AI Image बच्चों से क्या उम्मीद बांध बैठे हैं आप ? एक बच्चा जब पहली बार स्कूल जाता है यदि हम उस दिन का विचार करें ...
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